जन्म से
जन्म से
जैसे ही कोख
में फूटा भ्रुण का
अंकुर
जुड़ गए
कई रिश्ते मुझसे
जिन्हें मैं सिर्फ
महसूस कर सकता हूँ।
और वो भी मुझे
महसूस कर सकते हैं
कुछ समय के बाद जब
आया इस दुनिया में
तो जाना रिश्ते तो
रिश्ते नहीं होते हैं।
रिश्ते के की
नाम होते हैं
प्यार के रिश्ते
रूह के रिश्ते
जज्बात के रिश्ते
एहसास के रिश्ते।
मतलब के रिश्ते
नफरत के रिश्ते
सगे रिश्ते
सौतले रिश्ते
न जाने कितने रिश्तों
की पोटली जन्म से मृत्यु
के बीच के सफर में
भर जाती है।
जो हमारे अन्तिम
वक्त में हमें चार
कंधों में अंतिम सफर
तक करती है
रिश्तो की ये पोटली।