जल ही कल
जल ही कल
है अनमोल यह निर्मल पानी,
बूँद- बूँद है हमें बचानी।
धरती माता करे पुकार,
यह है जीवन का आधार।
आज है हमने मन में ठानी,
अब और न होने देंगे इसकी
हानि।
यह संकल्प निभाएंगे,
धरती माँ को स्वर्ग बनाएँगे ।
है अनमोल यह निर्मल पानी,
बूँद- बूँद है हमें बचानी।
धरती माता करे पुकार,
यह है जीवन का आधार।
आज है हमने मन में ठानी,
अब और न होने देंगे इसकी
हानि।
यह संकल्प निभाएंगे,
धरती माँ को स्वर्ग बनाएँगे ।