STORYMIRROR

Swati K

Inspirational Others

3  

Swati K

Inspirational Others

जिंदगी

जिंदगी

1 min
367

यूं कतरों में बंटी जिंदगी,


कहीं रिश्ते सवंरने की उम्मीद

तो कहीं ख्वाब पूरी होने की आस,

कोई मंज़िल पाने को बेताब 

तो कहीं ख्वाहिशें बेहिसाब,

दो लम्हों की जिंदगी में ख़ुशियों की कद्र कम

और ग़म बेशुमार,


यूं कतरों में बंटी जिंदगी,


कहीं वक्त से आगे निकलने का होड़ 

तो कहीं वक्त में उलझे यादों को

फिर से जी लेने का जोश,

कहीं अपनों का इंतजार 

तो कहीं गैरों का साथ , 

दो लम्हों की जिंदगी में रिश्तों में आती दूरियाँ

तो इंसान का इंसान से बढ़ता फासला,


यूं कतरों में बंटी जिंदगी,


कहीं दर-बदर भटकता आदमी 

तो कहीं अपने घरों में ख़ुशियों की

तलाश में आदमी,

कहीं अति महत्वकांक्षी लोग 

तो कहीं 'दो जून' की रोटी में सुकून पाते लोग, 

दो लम्हों की जिंदगी में सब्र खोते हम

तो बेचैनी, उदासी, मायूसी में धुंधलाते

अपने 'अक्स' को टटोलते हम,


और यूं कतरों में बंटी जिंदगी!!!

                 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational