जिंदगी
जिंदगी
कुछ हाल ए दिल
सुनाती है जिंदगी
कुछ मायने सुकून के
गढ़ती है जिंदगी
बहुत कोशिश की है
रूबरू होने की
मगर क्यों मिलने से
कतराती है जिंदगी
वो शोख अदायें
हसरतों की दुनिया में
बड़ी लुभातीी है
अधजली सी ये जिंंदगी
जिल्लत भरे दिन हैैं
अर्द्धनग्न सी रातें
बड़ी बेवड़ीी हो गई है
आवारा सी जिंदगी
कभी गरमी कभी नरमी
कभी हवायें बदलीी सी
मन के धरातल में
धूपछाँव सी जिंदगी
कभी अपने कभी पराये
रिश्ते अजीब से
कौडियों के भाव
बिक रही जिंंदगी
कोई मसीहा कोई मौला
आकर कह दे
प्यारी सी जन्नत सी हो
मस्त तेरी जिंदगी
कहीं मोती कहीं बूंद
कहीं सीप है यारो
आओ देखा करें
खुशनसीब सी जिंदगी।
