जिंदगी में जो तुम नहीं
जिंदगी में जो तुम नहीं
यह जिंदगी एक अधूरी कहानी है,
जिंदगी में जो तुम नहीं।
एक खामोशी में कैद लफ्ज,
तरसते हैं आवाज को।
अधूरा है जीवन का गीत,
बिना तेरी आवाज के।
यह गीत अब बेसाज है
जिंदगी में जो तुम नहीं।
यह जिंदगी एक अधूरी कहानी है,
जिंदगी में जो तुम नही।
है गुलशन भी वीराना सा,
है सभी फूल मुरझाए से।
राह सजी हुई कांटों पर,
बिना तेरे इन कदमों के।
दर्द से गहरा रिश्ता है,
जो जिंदगी में तुम नहीं।
यह जिंदगी एक अधूरी कहानी है,
जिंदगी में जो तुम नहीं।
जो तुम थे मेरी जिंदगी में,
थी यह दुनिया एक जन्नत सी।
जो बिन मांगें पूरी हुई,
तुम बन गई उस मन्नत सी।
जीना अब दुश्वार है,
जिंदगी में जो तुम नहीं।
यह जिंदगी एक अधूरी कहानी है,
जिंदगी में जो तुम नहीं।