Poonam Chandralekha
Abstract
कभी सुख तो कभी दुख
ज़िन्दगी है, अपने हिसाब से चलती है
चिंता क्यों? कल किसने देखा
मुस्कुरा कर
गमों को भुला दीजिए
दोस्त हों या दुश्मन, घर आए है
चाय तो ज़रा पिला दीजिए
तुनुक मिजाज़ है बड़ी
ज़िन्दगी को मना लीजिए।
हाइकु
दो हाइकु
चित्रकार
यूं नाराज़ न ...
ज़िन्दगी को म...
यत्र मूर्ति प...
शिकायत
आधी दुनिया
बोध
फासले
मैं झूठ हूँ, मैं दिखने में और सुनने में बहुत खूबसूरत हूँ। मैं झूठ हूँ, मैं दिखने में और सुनने में बहुत खूबसूरत हूँ।
स्त्रियाँ जो शहर से अज्ञात हैं वे स्त्रियाँ जो ग्रामीण हो गई। स्त्रियाँ जो शहर से अज्ञात हैं वे स्त्रियाँ जो ग्रामीण हो गई।
निर्णय कठिन नहीं सोचे-विचारे, कल को स्वारें। निर्णय कठिन नहीं सोचे-विचारे, कल को स्वारें।
फागुन की मस्ती में होली का यह सन्देश रंग हैं अलग अलग पर एक है परिवेश फागुन की मस्ती में होली का यह सन्देश रंग हैं अलग अलग पर एक है परिवेश
महिलाओं को बस इज्जत चाहिए, वो जैसे भी हो बस उन्हें वैसी अपना लिजिए। महिलाओं को बस इज्जत चाहिए, वो जैसे भी हो बस उन्हें वैसी अपना लिजिए।
एक नए आत्मविश्वास का सृजन करें। आओ एक नए जीवन का सृजन करें।। एक नए आत्मविश्वास का सृजन करें। आओ एक नए जीवन का सृजन करें।।
भारत देश का खोया हुआ मान फिर से दिलाओ। भारत देश का खोया हुआ मान फिर से दिलाओ।
घोंसले शाखों पे लेके घूमते पेड़ कैसे यूँ बियाबां हो गए इन परिंदों को हवायें सर्द थी घोंसले शाखों पे लेके घूमते पेड़ कैसे यूँ बियाबां हो गए इन परिंदों को हवायें...
शायद इसीलिए वो भी इन हादसों से मुझसा ही शर्मिंदा है यह देश जो मेरा मान है शायद इसीलिए वो भी इन हादसों से मुझसा ही शर्मिंदा है यह देश जो मेरा मान है
तब अदृश्य रहता है देवी उपासक नज़र आता है केवल एक पुरुष हाँ ! केवल एक पुरुष ! तब अदृश्य रहता है देवी उपासक नज़र आता है केवल एक पुरुष हाँ ! केवल एक पुर...
हार के उस पार 'दानिश' ज़ुस्तज़ू की जीत होगी वक़्त से तकरार फिर तो ज़िंदगी की रीत होगी हार के उस पार 'दानिश' ज़ुस्तज़ू की जीत होगी वक़्त से तकरार फिर तो ज़िंदगी क...
खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है। खुश नसीब है वो जिनके नसीब में माँ बहन आती है।
रोक लो तुम द्वेष को, बिखरने न दो देश को। रोक लो तुम द्वेष को, बिखरने न दो देश को।
खूनी होली और काली दिवाली, खूनी होली और काली दिवाली,
आ गई होली-ठिठोली की ये ऋतु क्या बात हैे। आ गई होली-ठिठोली की ये ऋतु क्या बात हैे।
प्यास एक झलक की मुझे भी है, और वह प्यास मुझे बुझानी है। प्यास एक झलक की मुझे भी है, और वह प्यास मुझे बुझानी है।
क्योंकि स्त्री और पुरुष का कोई मुकाबला नहीं है। क्योंकि स्त्री और पुरुष का कोई मुकाबला नहीं है।
धरती पर उतरी नीलगगन से सबसे अनोखी जाति है बस इतनी सी बात समझना महिला का सम्मान नहीं धरती पर उतरी नीलगगन से सबसे अनोखी जाति है बस इतनी सी बात समझना महिला का...
प्रेम पाप है विनय त्याज्य है क्लेश पुण्य अब अधर्म राज्य है प्रेम पाप है विनय त्याज्य है क्लेश पुण्य अब अधर्म राज्य है
तुम्हारी तस्वीर में खुद की बीती ज़िन्दगी दिखी और तुमने पूछा तस्वीर देखके क्या करोगे ? तुम्हारी तस्वीर में खुद की बीती ज़िन्दगी दिखी और तुमने पूछा तस्वीर देखके क्या...