जिंदगी के साथ
जिंदगी के साथ
अजूबे बनने और कारनामे करने
आया तू इस, दुनिया में
दिल्लगी करना तेरा काम नहीं
मिसाल बन जिंदगी के साथ ।।
परिवार की ज़रूरतों को
पूरा करने परेशां हर शख्स यहां
जीने की जद्दोजहद में जो टूट जाते
वे मौत का दामन, थामते जिंदगी के साथ ।।
सच्चाई की राह बड़ी पथरीली
कर देती है लहुलूहान
जो चलना जारी रखते मंज़िल
पा ही जाते जिंदगी के साथ ।।
समंदर की मौजें पुरखतर ही सही
कश्ती को छिपाती दिखाती तो है
तूंफा रहता कुछ ही पलों का
तैराक को किनारा मिलता, जिंदगी के साथ ।।
टूट कर बिखरना गुलों की होती पहचान
तू इंसानियत का मसीहा बन दिखा पहचान।
जुगनुओं के हौसले देख खौफ न खाते तम से
सूरज नहीं तो दीप बन, 'मधुर 'जिंदगी के साथ ।।