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मिली साहा

Inspirational

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मिली साहा

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जिंदगी का सफ़र (अपनों का साथ)

जिंदगी का सफ़र (अपनों का साथ)

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सफ़र सुहाना हो जाएगा अगर साथ- साथ चलेंगे,

थोड़ा तुम बदलकर देखो थोड़ा हम बदल जाएंगे,

चलेंगे अगर सफ़र में थाम कर एक दूजे का हाथ,

तो ये सफ़र-ए-ज़िदगी कट जाएगी प्यार के साथ,


परिवार का साथ हो तो सफ़र हो जाता है सुहाना,

परिवार से ही हमें मिलता है खुशियों का खजाना,

मुकद्दर से मिलते हैं रिश्ते होते हैं बड़े ही अनमोल,

बस हमें तो खूबसूरती से इन रिश्तो को है निभाना,


छोटी सी है यह जिंदगी कोई रूठे तो उसे मनाना,

भुला कर सारी कड़वाहटें जिंदादिली से है जीना,

प्यार, परवाह, अपनापन यही सबसे बड़ी दौलत,

जिंदगी के इस सफ़र में परिवार ही होती है जन्नत,


अपने साथ हो तो हर मुश्किल हो जाती आसान,

सुहानी हो जाती ज़िन्दगी की हर सुबह और शाम,

सफ़र का मज़ा है अपनों को साथ लेकर चलने में,

खुशियाँ ही खुशियाँ होंगी ज़िन्दगी की महफिल में,


दर्द-ए-ग़म से भी गुज़रेगी ये जिंदगी इस सफर में,

साथ अपनें हो तो दर्द भी बदल जाता खुशियों में,

खुशियाँ तो वहीं ठहरती हैंं, जहाँ प्यार बरसता है,

मुस्कुराकर साथ चलो सफ़र आसान हो जाता है,


यह सच है कि जिंदगी किसी के बिना नहीं ठहरती,

पर ये ज़िन्दगी अपनों के बिना भी तो नहीं गुजरती,

चलना है सुहाने सफ़र की ओर सबको साथ लेकर,

जब तक है यह जिंदगी रहना है अपनों से मिलकर।



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