जिंदगी एक समझौता नहीं
जिंदगी एक समझौता नहीं
जिंदगी एक समझौता नहीं
यह तो एक चुनाव है।
गम कभी मिले कहीं
हंस के गुजर जाना।
खुशी मिले कभी कहीं
तो यूं ना इतराना।
जिंदगी समझौता नहीं है
यह तो एक चुनाव है।
मन कहे जब लंबी सैर पे
दोस्तो संग चले जाना।
मन पर कभी यूं ही
अंकुश नहीं लगाना।
मन कहे यूं बारिश में
तब तुम भींग जाना।
बारिश में तुम भींग के
मक्के का भुट्टा तुम खाना।
जिंदगी समझौता नहीं
यह तो एक चुनाव है।
मन कहे जो शीत ऋतु में
तब तुम आइसक्रीम भी खाना।
मन पर कभी यू ही
अंकुश नही लगाना।
मन कहे जब चहुँ ओर
बंद कमरे में नृत्य को।
नृत्य भी तब तुम करना
मन पर कभी यूँ नहीं।
लगाम तुम लगाना
मन कहे जब वस्त्र।
पहनने को तब खुद के
दिल की सुनना।
कभी किसी के दिल के कारण
खुद को ना बदलना।
जिंदगी एक समझौता नहीं है
जिंदगी एक चुनाव है
मन अगर कहे जब
गोलगप्पे खाने को
तो आज ही तुम खाना।
मन को कभी यूं नहीं
अंकुश कभी तुम लगाना।
जिंदगी एक खुशी है
उसे आपस में बाँट जाना।
