जिंदगी भी क्या है
जिंदगी भी क्या है
जिंदगी भी क्या चीज है
कैसे कैसे मोड़ लाती है जीवन में
जब दिल कहता है आगे बढ़ जाऊं
दिमाग कहता है ठहर जाऊं
इन सबसे उलझ जब कभी चुप हो जाऊं
तुम हमे परेशान समझ लेना
जब कभी रहना चाहूं अकेली
तुम मेरे बेइंतहा दर्द को समझ लेना
और अपने प्यार से मेरे गुस्से और
दर्द को पी लेना
मैं कुछ ना भी कहूं
तो भी तुम सब समझ लेना।।

