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Mayank Kumar

Classics

3  

Mayank Kumar

Classics

जिंदगी अखबार है

जिंदगी अखबार है

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हम सभी की जिंदगी हो गई है अखबार जैसी

हर पन्नों में होता है कुछ खुशी और कुछ गम।


और कुछ पन्नों में होता है आर्थिक दृष्टिकोण

कुछ पन्नों में होता है मोहब्बत में धोखा।


तो कुछ पन्नों में मिलता है किसी बंधन में

बंधने का नसीहत,अब जिंदगी के अखबार में चलते हैं।


हम खेल के पन्नों पर

जहां हमारी शुरुआत होती है कुछ षड़यंत्र से

उन सब साजिशों में अपने ही कोई घनिष्ट होते हैं,


जो हमें क्लीन बोल्ड कर दिया करते हैं ,

बहुत ही शालीनता के साथ हम पवेलियन में होते हैं !


आगे चलते -चलते पन्नों पर हम चलते हैं,

जहां खबर होती है दुनिया की,


लेकिन हमारी जिंदगी में नसीहत होती है

बस चलते -चलते ,चलते रहने की !


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