जीवन-यात्रा
जीवन-यात्रा
खुशियाँ मिलें तो न बदलो व्यवहार,
गम जो मिलें तो न हों बेकरार।
सुख-कटु सच्चाई हैं इस संसार की,
हम सबको जरूरत है निश्छल प्यार की।
सुख-दुःख के आने को हम,
उनकी अपनी ही बारी कहेंगे।
हो पारी ये लम्बी या छोटी,
मुस्कुरा करके हँस के सहेंगे।
धयान रखना है हमको हमेशा,
सदा कोई न इनमें रहेंगे।
बीत जाएंगे खुशियों के पल और,
ढहेगी गम -ए - दीवार की
सुख-दुःख कटु सच्चाई है।
ऊँचे चलें या नीचे,
जीवन तो गुजर जाएगा ही।
नाश भौतिक का होकर रहेगा,
कर्म की छाप छूटेगी राही।
उज्ज्वल हो कीर्ति सत्कर्म की,
दुष्कर्म की काली स्याही।
ऐश्वर्य सब मिट जाएगा,
बचे अमरता व्यवहार की
सुख-दुःख कटु सच्चाई है।
खुशियाँ मिलें तो न बदलो व्यवहार,
गम जो मिलें तो न हों बेकरार।
सुख-दुःख कटु सच्चाई हैं इस संसार की,
हम सबको जरूरत है निश्छल प्यार की।