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विकास उपमन्यु

Abstract

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विकास उपमन्यु

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जीवन पहेली

जीवन पहेली

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ये जीवन

एक पहेली है,

अगर समझ गए तो

एक सहेली है।

 

जीवन और मृत्यु दो मोती हैं,

सुख में रहो तो जीवन है,

दुःख में रहो तो मृत्यु है,

जो समझ गए,

तो बनी एक कहानी है।

 

ये जीवन

एक पहेली है,

अगर समझ गए तो

एक सहेली है।

 

रोज़ नया कुछ सिखाती है,

दर्श कुछ आवरण कराती है,

जब भी आती याद,



कुछ पुराना करा जाती है,

तो कभी भविष्य गर्भ,

कुछ नया बता जाती है।

 

ये जीवन

एक पहेली है,

अगर समझ गए तो

एक सहेली है।


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