"मेरे अल्फाज ही मेरी पहचान है "
वो बेलती है भूख बेलन से सिर्फ और सिर्फ लिए हमारे। वो बेलती है भूख बेलन से सिर्फ और सिर्फ लिए हमारे।
देखो वो आज कैसे पत्नी बन आई, छोड़ बाबुल का अंगना कैसे गई सजाई देखो वो आज कैसे पत्नी बन आई, छोड़ बाबुल का अंगना कैसे गई सजाई
मत भूलो तुम अपनी संस्कृति, हाथ मिलाकर न तुम महामार करो मत भूलो तुम अपनी संस्कृति, हाथ मिलाकर न तुम महामार करो
है जीवन का आधार वृक्ष, ये सब वैज्ञानिक बोले हैं। है जीवन का आधार वृक्ष, ये सब वैज्ञानिक बोले हैं।
सुना है वो तेज़ाब नहीं, प्यार था तुम्हारा जिससे जल गया, सारा जीवन हमारा। सुना है वो तेज़ाब नहीं, प्यार था तुम्हारा जिससे जल गया, सारा जीवन हमारा।
मैं उगता सवेरा सूरज सा, कैसे अपना मिलन हो ? मैं उगता सवेरा सूरज सा, कैसे अपना मिलन हो ?
ये जीवन एक पहेली है, अगर समझ गए तो एक सहेली है। ये जीवन एक पहेली है, अगर समझ गए तो एक सहेली है।
मैं श्रमिक मशहूर हूँ, हाँ मैं मजदूर हूँ। मैं श्रमिक मशहूर हूँ, हाँ मैं मजदूर हूँ।
हल्की-हल्की सर्द हवाएँ, और वो पुरानी अचकन। हल्की-हल्की सर्द हवाएँ, और वो पुरानी अचकन।
नहीं करते जो वंदन उनका, वो सभी दुष्ट कपूत है। नहीं करते जो वंदन उनका, वो सभी दुष्ट कपूत है।