STORYMIRROR

Kusum Joshi

Abstract

3  

Kusum Joshi

Abstract

जीवन-मृत्यु

जीवन-मृत्यु

1 min
69

ज़िंदगी का वास्ता है मौत से,

फिर मौत से बचना कहां,

मृत्यु है एक सत्य तो फ़िर,

सत्य से छुपना कहां,


यात्रा का अंत ना पर,

मौत के आगोश में,

तब मौत के आगोश में,

रुकना कहां थकना कहां,


ये एक पड़ाव यात्रा में,

कुछ पल का है विश्राम भी,

नव जीवन के आरंभ का,

ये भूत भी वर्तमान भी,


सदियों से ये दो चल रहे,

अस्तित्व इनका साथ में,

एक हाथ में है ज़िन्दगी तो,

मौत दूजे हाथ में,


पर्याय एक दूजे का हैं,

पर्याय से डरना कहां,

मृत्यु है एक सत्य तो फ़िर,

मृत्यु से बचना कहां।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract