जीवन की गली
जीवन की गली
जीवन की गली से
गुजरने का शौक है मेरा
देख लेता हूँ मैं जीवन का सब कुछ
उसकी गली से गुजरते हुये।
आँखों का चुम्बकीय सम्मोहन
विचारों के उड़ते हुये बादल
और शरीर की पृथ्वी पर चलता हुआ
अब तक का सबसे बड़ा महाभारत।
कितनी सहजता से विकर्षण
जादुई सम्मोहन में तब्दील हो जाता है
और रच देता है जीवन के आस पास
जटिलताओं का साम्राज्य।
देख लेता हूँ मैं जीवन की
गली से गुजरते हुये
आजादी का प्रपंच
और आजाद होने की कोशिश की अनभिज्ञता
और इस अनभिज्ञता की धधकती हुयी ज्वाला।
तुम कुछ भी समझो
इस अनभिज्ञता का कायल मैं बन जाता हूँ
एक सहायक जीवन का
खींच देता हूँ एक अग्निरेखा
जीवन के चारो ओर
और गुजरता हूँ जीवन की गली से।
अब यहाँ जो दिखता है वो कहाँ है
मसलन राज कहाँ है
धर्म कहाँ है
सभ्यता कहाँ है
और तुम मनुष्य हो तो
मनुष्य होने का एहसास कहाँ है।
अजीब मंजर है जीवन की गली का।
युद्धरत हो तुम
और तुम्हारे दुश्मन का क्या
लड़ रहे हो तुम और
जीत रहा है तुम्हारा दुश्मन।
जीवन की गली से
गुजरने का शौक है मेरा
और देख लेता हूँ मैं
इसका सबकुछ जीवन की गली से गुजरते हुये
नया प्रेम है मेरा
यूँ तो प्रेम ही जीवन है
और होता जा रहा है
जीवन की गली से गुजरते हुये
इसे महसूस करो
न करो
पर है।