जीवन का आधार
जीवन का आधार
हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है,
इसके बिना जीवन की कल्पना तो निराधार है ,
हवा ,पानी ,मिट्टी जो बनाते जीवन को खुशहाल ,
इसके बिना कुछ न जीवन में जीना होगा बेहाल ,
हर एक की जिम्मेदारी इसको सुरक्षित रखना है ,
वृक्ष लगाकर अपनी धरा का श्रृंगार हमें करना है ,
हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है,
इसके बिना जीवन की कल्पना तो निराधार है!
हमारी सांसो की डोरी जुड़ी हुई है पर्यावरण से ,
माँ की तरह बचाकर रखती हमें अपने आवरण से ,
नदियाँ ,झरने जिसमें बहता स्वच्छ जल निरंतर,
ये जीवन धारा मिलकर इसे स्वच्छ हमें रखना है ,
यही है प्राणाधार हमारा हमको इसे बचाना है ,
ये है कीमती दौलत हमारी इसको यूँ न उजाड़ो ,
आओ प्रण ले लो तुम और इस धरा को सँवारो ,
हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है,
इसके बिना जीवन की कल्पना तो निराधार है!
पेड़ों को काटकर धरा की सुन्दरता को न उजाड़ो,
विकास की अंधी दौड़ ने इतना आगे बढ़ा दिया ,
आज लगता हमने अपना ही जीवन घटा दिया ,
धरा का बहुत सा हिस्सा पलास्टिक से पट गया ,
सुरक्षा से इसकी क्यों ध्यान तुम्हारा हट गया ,
स्वार्थ की खातिर हमने प्रकृति को बदल दिया ,
नदियाँ,शहर ,गाँव सब कचरों में तब्दील हुआ,
हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन का आधार है,
इसके बिना जीवन की कल्पना तो निराधार है!
