जीवन एक चक्र
जीवन एक चक्र
जीवन एक चक्की है
यहां पीसता जाता मानव
अपने-अपने कर्तव्यों का
निर्वाह करते जाता मानव
कभी हार कभी जीत
कभी दुख कभी सुख
यह जीवन का चक्र है
सदैव चलता रहता है
जीवन की इस कसौटी को
जिसने भी पार किया
वह बन गया सिकंदर
जीवन के इस खेल का
जीवन के इन संघर्षों ने
कितनों को कर्मठ बनाया
कितनों ने आगाज़ किया
कितनों ने इतिहास बदल दिया
संघर्षमय जीवन ताने-बाने से बुना है
फिर भी आगे बढ़ना है
जीवन रण में कूद पड़ना है
लड़ना है तो लड़ना है
जीवन उसी को आजमाती है
जो हर मोड़ पर लड़ना जानता है
जिंदगी उसी की है जो सब कुछ
खोकर भी मुस्कुराना जानता है ।।
