STORYMIRROR

Arunima Bahadur

Action

4  

Arunima Bahadur

Action

जीने दो मुझे

जीने दो मुझे

1 min
191

मत बांधो किसी बंधन में मुझे,

बस स्वछंद सा उड़ने दो,

इन गहनो के भार में,

अब और न मुझको रहने दो।


तोड़ती हूँ आज ये बंधन,

गहनो से बंधी बेड़ियो का,

बस दे दो आजादी मुझे,

बस बात अपनी कहने दो,

श्वास ले नही पाता तन मन,

इन गहनो के भार से,


तन मन निखरता मेरा,

बस आत्मबल निखार से,

न दो बाबुल दान दहेज,

बस मुझको सशक्त बनने दो,

आत्मनिर्भर बना जरा,

मुझे कुछ निखरने दो,


जहाँ भी जाऊँ ,बस बनाऊ,

अपनी एक पहचान मैं,

नकारती हूँ आज मैं,

गहनो से लदी निज मूरत को,

आज बदलना है मुझे,

हर नारी की सूरत को,


क्या नही कर सकती नारी,

बंधन जब कोई न हो,

बदलेगी तस्वीर जहाँ की,

बस तस्वीर मेरी बदलने दो,

पर इंतज़ार न करूंगी अब मैं,

कि बदले कोई तकदीर को,


आज लिखूंगी निज हाथों से,

नारी की तकदीर को,

तोड़ हर बंधन फिर मैं,

बस हुंकार भरती हूँ,

बदल तस्वीर आज नारी की,

नव इतिहास रचती हूँ,

मेरे इस कदम से ही,

सबको फिर बदलना हो,

हूँ कल्याणी मैं ही तो,

स्वीकार फिर करना होगा,


तोड़ती हूँ कामिनी की,

नारी की तस्वीर को,

गढ़ती हूँ आज स्वयं मैं,

अपनी ही तकदीर को,

बदल आज निज तस्वीरे,


नव समाज बनाऊँगी,

अपने चंद प्रयासों से,

सशक्त हर नारी बनाऊँगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action