जीना यहीं
जीना यहीं
आज का ग़म करना नहीं
जीना यहीं मरना यहीं।
दरिया की लहरों को
उठता देखो तुम कभी
फिर थकना नहीं।।
साहिल यहीं दरिया यहीं
मौजे यहीं किनारे यहीं ।
क्यूँ फिर रुकना, तुझे फिर
थकना तुझे,
दरिया सामने है डूबने का डर
मत रखना कभी।
उसकी गहराइयों में डूब
जाकर उभर
आने का हुनर रख
ऐ ज़िन्दगी।।
तैरना फिर हर दरिया
खूबसूरत लगेगा तुझे।
मज़ा, गहराईयों में जाकर
मिलता है,
किनारे से देख कर तो बस
डर लगता है।।
एहसास कर महसूस कर
हर दरिया,
तू फिर पार कर
बेखौफ हो
न होश खो तैर चल बस
तैर चल।।
हर मौज़ को, बेखौफ होकर
तू पार कर।
वो सामने तेरा लक्ष्य है वो
सामने साहिल खड़ा
बाहें फैलाये तेरा कर रहा,
इस्तक़बाल है।
तैर जा, बस तू तैर जा,
तैर जा बस तैर जा।।
क्यों तुझे तूफान का खौफ है,
भूल मत ये याद रख हर
तूफान भी
थमता है कभी रुकता है कभी
तू तैर जा, तू तैर जा, सामने
दिख रहा किनारा है।।