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Sushma Parakh

Tragedy Inspirational

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Sushma Parakh

Tragedy Inspirational

जीना मुझे और अभी

जीना मुझे और अभी

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मौत को सामने पाकर जो महसूस होता हैं

उस भाव को शब्दों में पिरोने की छोटी-सी कोशिश……

आज बेचैनी बड़ी हैं, मन घबरा रहा है 

लगता हैं जैसे, यमदूत बुला रहा हैं,


उथल-पुथल मची दिल में,

मेरा जीवन पड़ा मुश्किल में,

सब यहीं छूट रहा हैं,

साँसों का सफ़र अब टूट रहा हैं,


छोड़ो सब काम, कुछ पल मेरे संग बिता लो,

भुला लो शिकवे सारे, सारे गिले मिटा लो,


भागमभाग में बिताया जीवन, पलभर ना जिया कभी 

लगा छूटने साँसों का साथ, महत्व समझ आया अभी,

टूटने लगे अब तार साँस के, कि जीना मुझे और अभी,

जीना मुझे और अभी …………………………………,


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