झूठी शान
झूठी शान
चौधरी साहब इक दिन होटल पहुंचे
सूट-बूट पहन के बड़े अकड़े
दिखाने लगे बड़े अपने तेवर
मैनू ले आया इतने में वेटर
चौधरी जी लगे बगले झांकने
पढ़ना लिखना नहीं थे जानते
छूट गया उनका ठंड में भी पसीना
चशमा भूलने का बहाना बनाया
किसी तरह सम्मान बचाया
बिना खाये आये वापस
मूड हो गया था अपसेट।