झूठा दिखावा
झूठा दिखावा
खुद को सबसे बेहतर दिखाने के चक्कर में
इतना ऊपर मत उठ जाना,
खुद को सबसे बेहतर दिखाने के चक्कर में
इतना ऊपर मत उठ जाना,
कि किसी से कुछ पूछने मैं शर्म आये l
किसी को नीचा दिखाने के चक्कर में
इतना नीचे मत गिर जाना,
कि किसी से नजरें मिलाने में शर्म आये l
क्यों कि क्या है ना
कि बेहतर बनने से अच्छा
ना समझ बनना अच्छा होता है
कि बेहतर बनने से अच्छा
ना समझ बनना अच्छा होता है,
और किसी के नजरों में गिरने से अच्छा
अपने अच्छे कर्मों से
सबकी नजरों में चमकना अच्छा होता है l