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Sandeep Kumar

Abstract

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Sandeep Kumar

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झमाझम बरसात

झमाझम बरसात

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झमाझम बरसात बारिश क्या से क्या हाल कर दिया

धर आया हुआ फसल किसान का बर्बाद कर दिया


जिसके सहारे चलता है धर वर परिवार बारह मास

उसी का सर्व नाश सर्व नाश सर्व नाश कर दिया।।


अब कैसे जिएंगा जिंदगी आगे का अंधकार कर दिया

बच्चे का फीस,पत्नी का सिकन से सिंगार छिन लिया


झमाझम बरसात बारिश क्या से क्या हाल कर दिया

धर आया हुआ फसल किसान का बर्बाद कर दिया।।


इस पर रूख है कहां बदलता तनिक सरकार का

ताकि कड़क फैसला से संरक्षित हो फसल किसान का।।


साथ साथ समय असमय व्यवस्था हो अनुदान का 

ताकि आगे से ना फासी लटका मिले शव किसान का


झमाझम बरसात बारिश क्या से क्या हाल कर दिया

धर आया हुआ फसल किसान का बर्बाद कर दिया।।


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