"जगमगाएगा जग सारा"
"जगमगाएगा जग सारा"
1 min
398
झुकना नहीं ,तू रुकना नहीं!
खेल समंदर का तू डरना नहीं !
आंधी आए चाहे तूफान,
तू तीर तरकश से फिसलना नही!
आएंगे संकट के दौर, तू मंजर से हटना नहीं!
काली रात अंधियारी तू दिया है ,बुझना नहीं !
चीर हरण करता रावण तू हौसलों से पस्त होना नही!
जीतेगा राम एक दिन ,कोशिश से तू रिसना नहीं !
होगी जीत सत्य की ,मरेगा भी रावण हौंसलो से तू भटकना नही!
जगमगाएगा जग सारा, हिम्मत की रोशनी से थमना नही!