जब उड़ने का मन करे
जब उड़ने का मन करे
जब उड़ने का मन करे
उड़ आती हूँ मैं खुले गगन में
मेरे सपनों की रंगबिरंगी छटाएं
जब छाने लगे नीले आसमान में
ये धरती और अंबर भी पास लगने लगे
जब कल्पनाएँ मेरी, अपने पंख पसारे
एक उड़ान भरती हूँ जैसे मुझे मेरा जहाँ मिल गया
एक उड़ान ऐसी जैसे मानो पूरा आसमान मेरा हो गया.
