आम का पेड़
आम का पेड़
एक छोटा सा नन्हा बच्चा था
आम थे पसंद उसको
और आम फलों का राजा है
किताबों से उसने सीखा था
एक दिन अपने आंगन में
बडे प्यार से उसने एक बीज बोया था
जल्द ही आंगन में एक नन्हा पौधा उग आया था
बडे प्यार से जतन किया उस पौधे को उसने
उस पौधे से उसे एक प्रकार का लगाव था
हँसते खेलते घर में बच्चा बड़ा होते गया
देखते ही देखते आंगन में वो पौधा बड़ा होते गया
आज वो नन्हा सा बच्चा एक होशियार होनहार लड़का है
और वो नन्हा पौधा एक बड़ा पेड़ बन चुका है
अपने हर एक टहनी पर पंछियों की चहचहाहट से
वो पेड़ खिल उठता है
और घर की हर एक पुजा में उस आम के पत्तों को देख
वो लड़का मन ही मन मुस्काता है
अपने घर के आंगन में
एक छोटी सी जगह पौधे के लिए देकर देखो
न जाने कल
वो कितने पंछियों का घर बन जाएगा।