STORYMIRROR

Pradnya Kulkarni

Inspirational

4  

Pradnya Kulkarni

Inspirational

आम का पेड़

आम का पेड़

1 min
266

एक छोटा सा नन्हा बच्चा था

आम थे पसंद उसको

और आम फलों का राजा है

किताबों से उसने सीखा था


एक दिन अपने आंगन में

बडे प्यार से उसने एक बीज बोया था

जल्द ही आंगन में एक नन्हा पौधा उग आया था

बडे प्यार से जतन किया उस पौधे को उसने

उस पौधे से उसे एक प्रकार का लगाव था


हँसते खेलते घर में बच्चा बड़ा होते गया

देखते ही देखते आंगन में वो पौधा बड़ा होते गया

आज वो नन्हा सा बच्चा एक होशियार होनहार लड़का है

और वो नन्हा पौधा एक बड़ा पेड़ बन चुका है


अपने हर एक टहनी पर पंछियों की चहचहाहट से

वो पेड़ खिल उठता है

और घर की हर एक पुजा में उस आम के पत्तों को देख

वो लड़का मन ही मन मुस्काता है


अपने घर के आंगन में

एक छोटी सी जगह पौधे के लिए देकर देखो

न जाने कल

वो कितने पंछियों का घर बन जाएगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational