जब नैनो से मिले नैना
जब नैनो से मिले नैना
एक शादी की महफ़ल में मिले मुझे,
दो प्यार करने वाले तोता और मैना,
तो सुनाती हूं उन दोनो के प्यार की एक कहानी,
सर्दी का वो प्यार भरा मौसम,
और जब मौसम ने ली अंगड़ाई,
पहली दफा टकराई उन दोनो के ये नैना,
दिल में एक घंटी बजी ट्रिग... ट्रिग...,
हैलो... ओ मेरी मैना... जरा सुनो ना,
ये दिल अटक गया है,
कुछ तो अब हो गया है,
पूनम की चांदनी भरी वो रात,
लाई उस मैना के लिए चांद के एक टुकड़े की सौगात,
उसका चेहरा चांद सा,
उसकी मंद मंद मुस्कान फूलो सी,
उसकी आंखे नीलकमल सी सुंदर,
उसकी बड़ी बड़ी नैन नशीली आंखो से,
पलके झपक के भी ना झपके,
नजरे हट के भी ना हटे,
हाय वो मैना तो उसके प्रेम के रंग में ऐसे खोई जैसे,
कृष्ण के प्रेम में खोई राधा,
ये दिल की धड़कने जोर जोर से धड़कने लगी,
ये जुबा तो कुछ ना कह पाई,
ये आंखे दिल का हाल बयां करने लगी,
वो रोक कर भी खुद को रोक ना पाई,
ये आंखे भरी महफ़िल में प्रेम का इज़हार करने लगी,
हाय वो तो उसके नैनो के जादू के रंग में खोने लगी।