जब इंसानियत भूल चुका हो इंसान
जब इंसानियत भूल चुका हो इंसान
जब इंसानियत भूल बैठा हो इंसान
ना याद रहे कि हम है एक ही ईश्वर की संतान
इंसानियत का चोला पहनाना तुम्हारा कर्म होगा
और वही तुम्हारा सच्चा धर्म होगा
न दे रहा हो जब मुश्किलों में कोई साथ
साथ न आ रहे हो जब किसी के जज्बात
तब मुश्किलों में साथ देना तुम्हारा कर्म होगा
और वही तुम्हारा सच्चा धर्म होगा
जब बनने लगे झूठ कपट हथियार
दीन दुखी भी तुम्हें लगने लगे लाचार
निस्वार्थ कर्तव्य पालन ही तुम्हारा कर्म होगा
और वही तुम्हारा सच्चा धर्म होगा
जब बनने लगे नफरतों की दीवार
भूलने लगे जब सब मानवता का व्यवहार
भारत भूमि की जय जयकार तुम्हारा कर्म होगा
और वही तुम्हारा सच्चा धर्म होगा।
