जाने से पहले
जाने से पहले
उस छोर तक जाना है मुझे,
मत रोको पड़ाव बन कर।
मंज़िल तक का सफर की,
तुम सा ठहराव और भी होंगे।
इतना अज़ीज़ हूँ नहीं मैं तेरा
जितना जाहीर ऐ नुमाईश तेरी
मुझसा कई किराये दार हैं यहां
तुझ सा बहुत मकाँ भी होंगे।।
इस दहलीज़ से बाहर का मौसम
जैसे भी हो,कुछ अलग तो होगा।
अपनी ही काया साया बदलती
किरणों की नये आयाम भी होंगे।।
बटोरता कुछ बांटता भी कुछ कुछ
हानि लाभ का हिसाब से हट कर
नुकसान जहाँ नफ़ा नाप चले
ऐसे क्या कोई ब्यापार ना होंगे?
हानि से हानि गुणा करके देखो
लाभ होता होगा सूत्र गणित का।
आज़मा कर इस गहन मंत्र को,
दिवालीयां यहाँ दिवाला भी होंगे।।
नज़र अटक जाये,नज़ारा खत्म हो,
होता नहीं कभी,हो भी न सकता।
अम्बर चूमता और धरती छुड़वाती
क्षितिजों का चित्र बदलते भी होंगे!!
सुन सको अगर खुद की पद चाप
कानों में ज़ोर डालना छोड़ दो।
दिशा धार्य रखो ध्येय ध्यान में हो
कल चर्चे तेरे पद छापों के होंगे।।
रहो ना रहो तुम कल सुबह तक
सुबह भी होगा सूरज भी होगा।
जीना है तो जीओ जांबाज़ों जैसे
हवाओं में गूंज तेरे कामों के होंगे।।