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जा रही है दुल्हन

जा रही है दुल्हन

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गीत

जा रही है दुल्हन

*

प्यार की ले अगन,

पाले मन में सपन।

जा रही है दुल्हन,

जा रही है दुल्हन।

*

नाज नखरों पली,

खिलने वाली कली।

कल जो थी बावली,

चढ़ के डोली चली।

रोए माता पिता,

रोई बहनें सभी।

कहती सखियां यही,

आती रहना कभी।

रोते देखो नयन,

भारी है आज मन।

जा रही हैं दुल्हन,

जा रही हैं दुल्हन।

*

छोड़ बाबुल का घर,

अपन पियु के नगर।

ख्वाब आँखों में भर,

सबसे हो बेखबर।

गुस्ल अश्कों से कर,

हो के वो तरबतर।

मिल रही सबसे ही,

ले के प्यासी नजर।

छोड़ कर अपनापन,

प्यार की अंजुमन।

जा रही है दुल्हन,

जा रही है दुल्हन।

*

आँसुओं ने कहीं,

आंसुओं ने सुनी।

प्यार के धागों ने,

एक कहानी बुनी।

दर्द के द्वार पर,

गम की चादर तनी।

है रुदन हर तरफ,

और उदासी घनी।

कौन समझेगा मन,

करके सबको नमन।

जा रही है दुल्हन,

जा रही है दुल्हन।

*

अख्तर अली शाह "अनन्त"नीमच

9893788338


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