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Kalpesh Vyas

Abstract

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Kalpesh Vyas

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इतना कर के देखो

इतना कर के देखो

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आईने के सामने बेझिझक तुम खड़े हो के तो देखो

अपने सुंदर प्रतिबिंबि को तुम ध्यान से तो देखो।


अपनी बोलती हुई आँखों को, तुम गौर से तो देखो

आँखों की भाषा का तरजूमा तुम कर के तो देखो।


अपने चहेरे के हावभाव को तुम गौर से तो देखो

मधुर होंठों को देख कर तुम मुस्कुरा के तो देखो।


कभी तो अपनेआप से तुम प्यार कर के तो देखो।


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