“ इतिहास “
“ इतिहास “
परिसीमन, अधिग्रहण नाम का परिवर्तन से इतिहास नहीं बदले जाते हैं !
भेद – भाव वैमनस्यता असहिष्णुता, अकर्मण्यता अपंगता,
असंतुलन से मानवता बदल जाते हैं !!
गलत नीतियों से जनमानस कराह उठती है !
लोग विक्षुब्ध होकर क्रांति की ज्वाला भड़कती है !!
लोभ प्रति लोभ में जब इतिहास के धरोहर को ही
दमनकारी शक्तियों से प्रहार करते रहेंगे !
पर जो इतिहास में इतिहासकारों ने अपनी संस्कृति,
सभ्यता और गौरव को जो अंकित कर चुके वो सदा जीवित रहेंगे !!
मुगल और अंग्रेजों की भी कुदृष्टि थी हमारा इतिहास बदल जाएगा !
आज भी जो सोचता है “ हिन्द “ का अपमान करना उसका नाम
इतिहास से सदा के लिए मिट जाएगा !!"