तू खुदकी खोज में निकल
तू खुदकी खोज में निकल
तू खुदकी खोज मे निकल
तूझे किसकी तलाश हैं
तू निराशा के बादलोसे आशा का सावन है।।
तू खुदकी खोज मे निकल तू कोहिनूर सा हिरा है,
तूझे क्यों सितारो की तलाश है।
तू खुदकी खोज मे निकल
तू खुद हमराही है, हमसफर क्यो तलाश है।
तू खुदकी खोज मे निकल
तू खुद सावन सा निर्मल है.
तूझे क्यू गलतियों पर निराशा है
तू खुदकी खोज मे निकल
आशा का पेड है,
तू निराशा को जड 'से उखाड़.
तू खुदकी खोज मै निकल,
तू हस्ता हुआ बगीचा हू,
तू गुजरता हुआ रास्ता हैं
तू खुदकी खोज मै निकल,
तू आसमान की उड़ान है
तू खुद एक पहचान।
