समस्या बड़ी या साहस
समस्या बड़ी या साहस
मैं असहाय नहीं,
मजबूर भी नहीं ,
कि समस्याओं से
लड़ ना सकूं,
मुसीबतों बड़े सींग
पटकनी देने आते है मुझे,
तो मैंने कब हार मानी,
अपने धैर्य से विवेक से,
जीवन के इस समस्या रुपी,
युद्ध में विजय पाने को,
तत्पर हूं ना कि घुटने टेकने को,
अदम्य साहस की परीक्षा,
की घड़ी, चुनौतियां,
जब तब सामने आ खड़ी,
रख हौसला बुलंद,
हिम्मत ना हार,
अपने मानस को दृढ़,
बनाकर संकट से उभार,
जीत हार का कोई प्रश्न नहीं,
बिखरा नहीं,
डरा नहीं यही तू ,
जीवन की जीत बड़ी ।
