STORYMIRROR

kajal ni kalame

Inspirational

4  

kajal ni kalame

Inspirational

असली खूबसूरती

असली खूबसूरती

1 min
236

नही जरूरत किसी जेवर की,

इन दिखावे के तेवर की,

ले जा पंछी तू गर चाहे,

माला मानेक ये मुंजावर की।


क्या सजाएंगे तन को ये मेरे,

मन के मोती संगम सुनहरे,

भाती मुझको माला मन की,

फिर क्या जरूरत इन जड़ रत्नों की।


मन की माला को जो भापे,

वही सबसे सुंदर कहलावे,

तन का तेज दो दिन का बसेरा,

मन के मंजुल से हरदम ही सवेरा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational