थोड़ी गुफ्तगू होगी,बचपन से बुढ़ापे तक की थोड़ा रोयेंगे, ढेरों खुशियाँ होंगी जज़्बातों के दरिया में सै... थोड़ी गुफ्तगू होगी,बचपन से बुढ़ापे तक की थोड़ा रोयेंगे, ढेरों खुशियाँ होंगी जज़्ब...
और वो कराह उठेगी किसी पर कटे पंछी की भांति बेबस....लाचार...! और वो कराह उठेगी किसी पर कटे पंछी की भांति बेबस....लाचार...!
आज वह शक्ति स्वरूपिणी लग रही है जो कुछ क्षण पहले कराह रही थी आज वह शक्ति स्वरूपिणी लग रही है जो कुछ क्षण पहले कराह रही थी
कहना जितना सरल है मानना उतना ही मुश्किल है। कहना जितना सरल है मानना उतना ही मुश्किल है।
लोभ प्रति लोभ में जब इतिहास के धरोहर को ही दमनकारी शक्तियों से प्रहार करते रहेंगे ! लोभ प्रति लोभ में जब इतिहास के धरोहर को ही दमनकारी शक्तियों से प्रहार करते र...
गरीबों की खाली थाली में मिलेंगे किसानों की बदहाली में मिलेंगे गरीबों की खाली थाली में मिलेंगे किसानों की बदहाली में मिलेंगे