इश्क़ की रात
इश्क़ की रात


तेरी जिस्म की खुशबू महक़ती रही।
मोहब्बत की चिड़िया चहकती रही।
रात भर तेरी बाहों में प्यार लुटाते रहे।
सूरज के आने का भी होश न रहा।
बाँहों से निकलकर तेरा
चेहरा देखा जब मैंने,
एक अलग नूर छाया हुआ था।
वो रात हमेशा मुझे याद रहेगी ।
जिसने इश्क़ कि वादियों में
अपनी जगह बनायी थी।