इश्क अनमोल रतन
इश्क अनमोल रतन
कितनी अजीब सी यह बात है,
कोई नफ़रत कर के प्यार पाता है,
कोई बेपनाह इश्क करता है फिर भी,
हमेशा अकेला ही रह जाता है।
यह बात तो हमेशा सच्ची ही है,
इश्क एक अनमोल रतन है,
कोई इश्क का ख्वाब देखकर भी,
हमेशा मायूस ही रह जाता है।
ये इश्क भी कमबख्त एक चीज हे,
जो करता है वह मौज मनाता है,
कोई इश्क के लिये ठोकरें खाकर भी,
हमेशा तड़पता ही रहता है।
जो इश्क की अहमियत समझता है,
उसे खुदा की कयामत मिलती है
इश्क को खिलौना समझने वाला "मुरली",
हमेशा भटकता ही रहता है।