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Deepak Srivastava

Abstract

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Deepak Srivastava

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इस पार से उस पार

इस पार से उस पार

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तुम फ़र्ज़ी का दावा करते थे

पर उस पर अधिकार हमारा था

तुम अपना अपना चिल्लाते थे 

पर रिश्ता खून का अपना पुराना था 

नाकामी थी सरकारों की

जो हरदम अपनों से कपट किया

हम भी अपने मद में चूर थे 

उन्होंने भाई भाई को दूर किया

जब भी तुमको देखा 

अपनापन महसूस किया 

अपना खून एक ही है भैया 

तभी तो तुमको माफ़ किया 

अब काली परछाई जाएगी 

कुछ तो नया बिचारेगे 

धूम मचा देंगे इस दुनिया में 

अपनी ताकत का अहसास करा देंगे 

भारत तेरा अपना था 

तुम ये सब क्यों भूल गए 

हम हरदम तेरे साथ रहे 

तुम ऐसे कैसे भूल गए 

खैर हुआ जो हुआ 

अब बहकावे में ना आना 

नज़रे तुम पर सभी की है 

पर भूल के भी तुम ना नज़र मिलाना 

है लाख शुक्रिया बजीर-ये- आजम 

तुमने जो ये कदम उठाया 

दो बेजान सी रूहो को 

तुमने इस बार मिलाया है 

पा लिया है तुमको 

अब हम ना ऐसे छोड़ेगे 

रिस्ता भाई भाई का है 

ऐसे थोड़ी ना तोड़ेगे


          


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