अब से अम्मी ही कहूँगा
अब से अम्मी ही कहूँगा
मैंने दुनिया की सुनी बहुत
पर अब किसी की न सुनूँगा
मैं भी तेरा ही बेटा हूँ माँ
अब से अम्मी ही कहूँगा
गर कहूं अम्मी आपको
तो पुकार मेरी भी सुन लेना
यदि हो जाये पूजा में कोई कमी
तो इबादत कबूल कर लेना
नज़रे दुनिया फेर ले मुझसे
कोई गिला, शिकवा ना होगा
गर जो आप रूठी अम्मी
आपके सिवा , न दुनिया में
अपना होगा
आपको ही पुकारूँगा इस जहाँ में
माँ बस प्यार से पुचकार देना
आख़िर बच्चा तो तेरा ही हूँ
हो जाये भूल तो माफ़ कर देना
मेरी नन्ही निगाहों को मैया
दीदार भी करा देना
तेरी रहमत का प्यासा हूँ
अम्मी गोदी में बिठा लेना
मैं भी तेरा ही बेटा हूँ माँ
अब से अम्मी ही कहूँगा
