इंतजार
इंतजार
कहीं तो बजती होगी चूड़ियाँ रातो की तन्हाई में।
कहीं तो झनके पायलिया झींगुरों की सहनाई में।
अस्त व्यस्त होंगे वस्त्र किसी की अगवाई में।
बिन प्रसाधन चमकता होगा मुख उनकी रहनुमाई में।
प्रिय आगमन की उम्मीद जगी है दिल की गहराई में।
चाँद लगे बैरन सी तेरी इस जुदाई में।
तारे करे ठिठोली मन मस्तिष्क की रुलाई में।
वो सुकून कहा पाऊं जो मिले तेरे आगोश की सुलाई में।
शरीर की तड़प ही देखी तूने वो बैरी बस मेरी अंगड़ाई में।
मन को तड़पते छोड़ दिया किसकी भरपाई में।
धन संपदा सब तुझपे वारी , जप व्रत के पुण्य बिसराऊ
बस एकबार तू आजा जालिम तुझपे मैं वारी जाऊ।।