ravindra kumar
Comedy
जादूगरी प्रशाधनों की
उचित अनुचित संसाधनों की
कुछ सुंदर बिंदिया सजाना
पायल की छम छम बजाना।
फॉसिल की घड़ियां सजाना
गेस की महक जगाना
जारा के आवरण चढ़ाना
रे बन से नयन मटकाना।
ओप्पो वीवो के फ़िल्टर लगाना
न आया कोई काम
तू तब भी चुड़ैल थी
अब भी चुड़ैल है।
सौंदर्य
खामोशी भी कुछ...
कैसे लिखूं तु...
इंतजार
गोबर से बनते इसके, रबड़ी , बर्फी , कलाकंद, खाने में जिनको ,आता आनंद। गोबर से बनते इसके, रबड़ी , बर्फी , कलाकंद, खाने में जिनको ,आता आनंद।
खींची है तेरी चोटी, आज भी कह कर चिढ़ता हूँ मैं तुझको मोटी खींची है तेरी चोटी, आज भी कह कर चिढ़ता हूँ मैं तुझको मोटी
यह पर्यटन का मुल्क है, रेलें भी खूब हैं। बिना टिकट पकड़े गए तो, रोटी कपड़ा नि:शुल्क है यह पर्यटन का मुल्क है, रेलें भी खूब हैं। बिना टिकट पकड़े गए तो, रोटी कपड़ा...
झट से दौड़ता-भागता आया अपने घर भी आ गया है करोना। झट से दौड़ता-भागता आया अपने घर भी आ गया है करोना।
पालकर एक अबोध बालक की तरह ज़्यादा बीत गयी है बची बीत जाये किसी तरह। पालकर एक अबोध बालक की तरह ज़्यादा बीत गयी है बची बीत जाये किसी तरह।
अभी तो रंगीन उम्र की फिजा है कल की बात, डोली से हुई विदा है अभी तो रंगीन उम्र की फिजा है कल की बात, डोली से हुई विदा है
लगा के सोए हुए हैं मच्छरदानी ! लगा के सोए हुए हैं मच्छरदानी !
थैंक्यू पापा, कितने अच्छे हो, प्यारे सबसे, सबसे सच्चे हो। थैंक्यू पापा, कितने अच्छे हो, प्यारे सबसे, सबसे सच्चे हो।
हाय मेरी चाय हाय मेरी चाय
जिससे कुछ पल हम सब हँस सके, और ज़िंदगी की सच्चाई भूल सके। जिससे कुछ पल हम सब हँस सके, और ज़िंदगी की सच्चाई भूल सके।
अगर आओगे नरसी रोड. अगर आओगे नरसी रोड.
कैसे चलाएं घर को ऑनलाइन टिप्स बता रही हैं कैसे चलाएं घर को ऑनलाइन टिप्स बता रही हैं
अदृश्य दरवाज़ों,खिड़कियों से दाख़िल हो जाता घरों में एक डर , रूप बदल बदल कर। अदृश्य दरवाज़ों,खिड़कियों से दाख़िल हो जाता घरों में एक डर , रूप बदल बदल कर।
उधार में पैसे लेके कर टाइमपास उधार में पैसे लेके कर टाइमपास
क्या ज़ोरदार पटाखा, पाये हो। कहाँ से ढूँढ लाये हो क्या ज़ोरदार पटाखा, पाये हो। कहाँ से ढूँढ लाये हो
बकरी जाने घास पात ना जाने जाति विशेष। बकरी जाने घास पात ना जाने जाति विशेष।
एक दिन जब दादा खाना खाते , किस्से अपने खूब बताते। एक दिन जब दादा खाना खाते , किस्से अपने खूब बताते।
पंडित जी ने कुंडली मिलाई और यह बात बताई 36 के 36 गुण मिल रहे हैं! पंडित जी ने कुंडली मिलाई और यह बात बताई 36 के 36 गुण मिल रहे हैं!
दिया हुआ दहेज अब वसूल हो रहा पति परदे चादरों को हाथ से है धो रहा दिया हुआ दहेज अब वसूल हो रहा पति परदे चादरों को हाथ से है धो रहा
अजीब है हरकत इसकी देख देख यूँ मन हर्षाता अजीब है हरकत इसकी देख देख यूँ मन हर्षाता