इंद्रधनुष
इंद्रधनुष
यूँ तो अक्सर
कभी कभी दिख जाता है
इंद्रधनुष आकाश में।
जल से प्रकाश
का आवर्तन
जगमगाता हुआ विविध रंगी
आकार,आकाश में।
लेकिन ये कुछ नया है
भाव घुल रहे हैं
दया, करुणा, स्नेह
ममत्व घुल रही है
मनुष्यता में
और प्रेम जगमगा रहा है
मन के आकाश से
विचारों के आकाश तक
यूँ ही नहीं
मुस्कराहट बिखरती है जीवन में
उग आता है
इंद्रधनुष प्रेम का।
