इंडिया
इंडिया
हम एकता का बदन मानवता का साया है
आंतक और वंश भेद छोड़कर
हमने हर किसी का साथ निभाया है
पुरी दुनिया एक ही धर्म से जाम है
हमने एकता का तिंरगा लहराया है
विविधताओं में भी एकता है
हमने इसे ऐसे ही नहीं बनाया है
महक रही है दुनिया भारत की प्रगती से
सारा जगत भी आज मुस्कुराया है
हमें किसी की योग्यता पर ऐतबार नहीं
हमारा तिंरगा अब दुनिया में लहराया है
हमारी किसी से दुश्मनी नहीं है
हमने बस आंतक को सताया है
हमारी योग्यता ने महासत्ता जगत में
भारत नाम का नया आयाम लाया है