इल्तजा
इल्तजा
तेरे फूलों से लबों पर
बस मेरा ही नाम आए
पल दो पल नहीं
जन्म जन्म हम साथ निभाए।
दिल में दिए पलकों पर सपने।
अपनों के लिए सजाए रखना।
यह कच्चे धागों का नहीं।
प्यार का बंधन है।
प्यार से इसे निभाए रखना।
हर पल नया नया सा पल पल बदल रहा है
इस दुनिया में अब कितना सहज लग रहा है।
दीया बाती सा साथ है हमारा।
खुदा का तोहफा है मिलना हमारा।
होकर जुदा तुझसे सांसे ना चल पाएंगी।
तेरा साथ हो तो जिंदगी यूं ही गुजर जाएगी।
है एहसास मुझे तेरे आने का
है तेरी रूह से राब्ता जाने जा।
तेरी जुस्तजू की है आरजू
हो तू मुझ से रूबरू।
है बस यही इल्तजा।