Shivraj Sachdeva
Drama
जूतों मेँ रखकर
देखो हमारे पांव
इल्म हो तुम्हे
कि हमने पसीना बहाया
या पानी...!
पनाह
इल्म
तुम कीर्तिमान बना कर सब को आश्चर्यचकित करना। तुम कीर्तिमान बना कर सब को आश्चर्यचकित करना।
एक जीत पाने के लिए, कई हार साथ होती है ! एक जीत पाने के लिए, कई हार साथ होती है !
कभी मुझसे मिलना चाहे तो, कहना पलकों को ढक कर उससे, दिलों में शायद ज़िंदा हो, यही बस... कभी जो बात... कभी मुझसे मिलना चाहे तो, कहना पलकों को ढक कर उससे, दिलों में शायद ज़िंदा हो, य...
भूखा भिखारी...। भूखा भिखारी...।
एक मर्मस्पर्शी कविता...। एक मर्मस्पर्शी कविता...।
मजबूरी में करते काम, अशिक्षा का है परिणाम ! मजबूरी में करते काम, अशिक्षा का है परिणाम !
एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूसरी ओर रिसता है पीपल ... एक ओर हरा-भरा गाँव बजती हैं जानवरों के गले की घंटियाँ चरवाहों की हँसी के साथ दूस...
शांत चेहरे की मुस्कुराहट...। शांत चेहरे की मुस्कुराहट...।
छोटी-छोटी इच्छाएं हैं मेरी छोटी सी अश्रुधारा से बनी हूँ मैं एक नदी मेरे किनारो के नाम हैं, स्वाभ... छोटी-छोटी इच्छाएं हैं मेरी छोटी सी अश्रुधारा से बनी हूँ मैं एक नदी मेरे किनार...
मौत पे सौ आँसू बहाते है लोग ! मौत पे सौ आँसू बहाते है लोग !
किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है ! किताब के पन्नों की तरह पलट जाए ज़िन्दगी तो क्या बात है !
मोम के कोमल पंख लगाकर मैं क्यों सूरज को छूना चाहता हूँ ? मोम के कोमल पंख लगाकर मैं क्यों सूरज को छूना चाहता हूँ ?
गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ, प्यार आये तो, जता भी देता हूँ... गुस्सा आये तो, सता भी देता हूँ, प्यार आये तो, जता भी देता हूँ...
जब तुम लिखना बंद करो, शाम हो जाए, ज़िन्दगी की, ढल जाएँ हम संग-संग, चलो लिखते हैं तब तक! जब तुम लिखना बंद करो, शाम हो जाए, ज़िन्दगी की, ढल जाएँ हम संग-संग, चलो लिखते हैं ...
तुझे नहीं पता पर, ये ज़िन्दगी टिकी ही है तुझ पर...! तुझे नहीं पता पर, ये ज़िन्दगी टिकी ही है तुझ पर...!
एक गज़ल...। एक गज़ल...।
जो मैं लिखता हूँ...। जो मैं लिखता हूँ...।
लंका में अग्निकांड भी मैं था लंका में अग्निकांड भी मैं था
वो तो खर-पतवार जैसे उग ही जाती बेटियां पत्थरो-दीवार जैसे उग ही जाती बेटियां... वो तो खर-पतवार जैसे उग ही जाती बेटियां पत्थरो-दीवार जैसे उग ही जाती बेटियां...
क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया... क़लम की इस पैनी नोंक ने मुझे, शमशेरों से लड़ना सिखा दिया...