STORYMIRROR

इक नई सुबह

इक नई सुबह

1 min
16K


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम सूरज लाना हम थोड़ी सी आशा लायें

सूखे खड़े उस वृक्ष में जीवन भर जायें

तुम पानी लाना हम गीली मिट्टी ले आयें


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम कलरव लाना हम थोड़े पंछी ले आयें

तपती सड़क के बचपन को शीतल कर जायें

तुम दवात लाना हम थोड़ी स्याही ले आयें


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम गीता पढ़ना हम तुम्हें क़ुरान समझायें

सदियों के भाईचारे को अखण्ड कर जायें

तुम सेवइयाँ चखना हम थोड़ी गुझिया ले आयें


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम बारिश लाना हम थोड़े बादल ले आयें

जलती धरा की आत्मा को तृप्त कर जायें

तुम भाव लाना हम थोड़ी मुस्कान ले आयें


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम प्यार लाना हम थोड़ा विश्वास ले आयें

पहले पहले एहसास से जीवन खिल जाये

तुम कदम बढ़ाना हम थोड़ा सा साथ निभायें


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम कर्म करना हम तुम्हें ढाँढ़स दे जायें

ऊँचे अपने लक्ष्य से ना कदम डिगायें

तुम चलते जाना हम राह के कंकड़ हटायें


चलो आज फिर इक नई सी सुबह बनायें

तुम दादी कहना हम नानी के किस्से सुनायें

सूख गयी जो जड़ है उसे फिर सींच के आयें

तुम नाना की लाठी हम दादा का इत्र ले आयें !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Drama