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प्रीति प्रभा

Abstract

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प्रीति प्रभा

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ईद का एहसास

ईद का एहसास

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आज ईद है क्या खूब एहसास है

जब दिल से अपने सब पास है


नज़रों से आज सब दूर ही सही

मन में सभी के प्यार का मिठास है


त्यौहार होता नहीं है ये किसी एक का

इस पागल दुनिया को ये समझाया जाए


ईद-उल-जुहा को मोहब्बत से मनाया जाए

सभी को धर्म के नफ़रत से बचाया जाए


गिले शिकवे मिटा कर खुशियाँ बरसाया जाए

हर किसी को आज मुबारकबाद दिया जाए


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