Mayank Kumar 'Singh'
Romance
जिंदगी उनकी मोहताज़ नहीं
ए हवा जाकर उनको भी बोल दे
हम बादल बनकर कभी न कभी
उन पर भी बरसेंगे...
तुम एक कलम सी...
उस चाँद का भी...
कुछ खिला चंदा...
पहरेदार
आधी रोटी
मैं भीग रहा ह...
तू कहीं खो गय...
कुछ बातों को ...
मैं तेरे लिए ...
मेरे अंदर वह ...
मेरे दिल के वो हर जज्बात को समझे बस उनसे हमें यही आस है। मेरे दिल के वो हर जज्बात को समझे बस उनसे हमें यही आस है।
खुद को तैयार कर, हम चल परे कुछ इस तरह, किसी को चाहत में मैं मिल सकूं। खुद को तैयार कर, हम चल परे कुछ इस तरह, किसी को चाहत में मैं मिल सकूं।
अर्धांगिनीजी, गोलगप्पे खाने चलें, कहकर मुझे मना लिया करना। अर्धांगिनीजी, गोलगप्पे खाने चलें, कहकर मुझे मना लिया करना।
तुमसे ही इस सृष्टि में मेरे अस्तित्व का होना है। तुमसे ही इस सृष्टि में मेरे अस्तित्व का होना है।
सांसों की सदा हो तुम.. और क्या निभाती वफा.. सांसों की सदा हो तुम.. और क्या निभाती वफा..
ऐ जिन्दगी मत ले ईतना इम्तिहान। ऐ जिन्दगी मत ले ईतना इम्तिहान।
बस और क्या कहूंं यही कहूंगा कि भगवान से मिली सबसे अनमोल तोहफा है वह। बस और क्या कहूंं यही कहूंगा कि भगवान से मिली सबसे अनमोल तोहफा है वह।
आरे रामा सावन की बरसात फुहार बहुत खास है रामा।। आरे रामा सावन की बरसात फुहार बहुत खास है रामा।।
करती हूँ बेपनाह प्यार तुमसे कई बार आँखों से जताया तो था. करती हूँ बेपनाह प्यार तुमसे कई बार आँखों से जताया तो था.
तुम से ही लगता दिल को मेरे, खुशियों की सुंदर सी दुनिया सजती है ! तुम से ही लगता दिल को मेरे, खुशियों की सुंदर सी दुनिया सजती है !
शुरू तुझसे मिरी तहरीर, तुझ पे ख़त्म होती हैं, तिरे नाम 'ज़ोया' के ये सारे क़लाम कर देंगे। शुरू तुझसे मिरी तहरीर, तुझ पे ख़त्म होती हैं, तिरे नाम 'ज़ोया' के ये सारे क़लाम ...
दूर-दूर तक, फूल ही फूल खिले थे। जब पहली बार, हम तुमसे मिले थे॥ दूर-दूर तक, फूल ही फूल खिले थे। जब पहली बार, हम तुमसे मिले थे॥
प्यार की लहर दिल से निकलती है, दिखती नही पर दूसरे दिल तक जाती है । प्यार की लहर दिल से निकलती है, दिखती नही पर दूसरे दिल तक जाती है ...
पिता जी का अपरम प्यार देख मां की आंखें भर आई। पिता जी का अपरम प्यार देख मां की आंखें भर आई।
अलबेला देश भारत,मनते नित्य त्यौहार। सुख समृद्धि सबकी लाते ,भरते सबमें प्यार। अलबेला देश भारत,मनते नित्य त्यौहार। सुख समृद्धि सबकी लाते ,भरते सबमें प्यार।
तुमसे न जाने क्या क्या बात कर कभी लजाती कभी डर जाती तुमसे न जाने क्या क्या बात कर कभी लजाती कभी डर जाती
हाँ खुशियों का संसार तुम से है I हाँ खुशियों का संसार तुम से है I
आवारा बादल सा मैं यूँ ही फिरता मारा मारा, तू 'दीप' मुझे रब का भेजा फ़ज़ल लगती हो। आवारा बादल सा मैं यूँ ही फिरता मारा मारा, तू 'दीप' मुझे रब का भेजा फ़ज़ल लगती...
चुभने लगा वजूद उनका तुमसें जुदाई के बाद। चुभने लगा वजूद उनका तुमसें जुदाई के बाद।
कभी एहसास बनकर, मैं हर किरदार निभाऊंगी ! कभी एहसास बनकर, मैं हर किरदार निभाऊंगी !